Tuesday, January 20, 2009

सेंसर बोर्ड मैं कोई भी इस समाज की चिंता करने वाला नहीं है

"स्लमडॉग मिलियनेयर" नाम से दुःख
भारतीये सेंसर बोर्ड आखिर कब जागेगा "slumdog Millionaire" नाम से दुःख Labels: , , posted by Shant Prakash @ 7:48 AM 0 Comments
आज के दोर मैं गरीब समाज अलग-अलग नाम से जाना जाता है. किसलिए सिर्फ गरीब का रोज नया नामकरण होता है. कभी गिरिजन, हरिजन, दलित, उपेक्षित समाज, वंचित समाज, अछूत. कब तक इज्जत उतरवा कर आमिर का मनोरंजन करता रहेगा यह समाज आज राज्नित्कों की पहली पसंद है यह समाज, फिल्मकारों के लिए है यह एक आकर्षक मुद्दा. कियोंकि ऐसे नाम रखने से कोई इनके खिलाफ कोर्ट जायेगा और इनको आराम से पोपुलारिटी मिल जायेगी ऐसी गन्दी सोच को बढावा हमारा सेंसर बोर्ड भी दे रहा है.
इस फिल्म को अप्प्रोवल देने का मतलब है की इस बोर्ड की आत्मा मर चुकी है और इस बोर्ड मैं कोई भी इस समाज की चिंता करने वाला नहीं है. और इस सब के पीछे कारण है सर्कार की लापरवाही और अनदेखी. ऐसी दशा मैं एक बार फिर भगवन ही भला करे जो कभी नहीं करता पर उम्मीद है।
जय भीम जय भारत भारत माता की जय।
शांत प्रकाश (जाटव)
२७९, ज्ञान खंड-१
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